मैं
मटका,
राजनीति का
भटक रहां हूँ ,
तलाश में
एक ढक्कन की
जो रोक सके मुझमें प्रवेश को
उन बे पेंदे के लोठो को
जो मेरा ही पानी पी कर मुझको ही गन्दा करते है।
मटका,
राजनीति का
भटक रहां हूँ ,
तलाश में
एक ढक्कन की
जो रोक सके मुझमें प्रवेश को
उन बे पेंदे के लोठो को
जो मेरा ही पानी पी कर मुझको ही गन्दा करते है।